सत्ययुग राजा धोंधल की सत्यसुकृत साहब से भेंट तथा राजा हारीत को शिक्षा
सत्ययुग राजा धोंधल की सत्यसुकृत साहब से भेंट तथा राजा हारीत को शिक्षा :
ब्रह्मा, विष्णु और शिव को उपदेश देते हुए। तथा अनेक जीवों को प्रबोधित करते हुए। सद्गुरु सत्यसुकृत साहब (कबीर साहब) राजा धोंधल के पास पहुंचे।
तत्कालीन राजाओं मैं राजा धोंधल चक्रवर्ती पराक्रम पौरुषी तथा धर्मात्मा थे। साधु सन्तो का उनके दरबार में स्थान ऊंचा था। राजा धोंधल को श्वेत पुरुष प्रकाश पुन्ज स्वरुप सद्गुरु सत्यसुकृत साहब के दर्शन करते ही बङी प्रसन्नता हुई।शान्ति हुई।
तथा अपने आपको भाग्यवान समझा। राजा सद्गुरु के सामने विनय युक्त हो नतमस्तक होकर चरण पकड़ लिए। सद्गुरु भी राजा धोंधल पर कृपालु हुए।
और राजा की अटूट श्रध्दा देखकर उपदेश दे दिया। राजा भी सद्गुरु का उपदेश सुनकर धन्य धन्य हो गये। राजा का भ्रम दूर हुआ।
और उसे सद्गुरु से मुक्ति प्रसाद मिल गया। धोंधल राजा को उपदेश देने के बाद सद्गुरु राजा हारीत को उपदेश देकर लाभान्वित किया। हारीत भी सद्गुरु कृपा से धन्य -धन्य हुए।
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