रामानुजनाचार्य
रामानुजनाचार्य
भारतीय वष्णवाचार्यो में रामानुजनाचार्य बङे प्रभावशाली विद्वान तथा प्रतिभा सम्पन्न आचार्य थे। इन्होंने सनातन धर्म का प्रचार देश विदेश में बहुत घुम - घुम कर किया।
सद्गुरु कबीर साहब का लक्ष्य दो तरह से प्रगट हो गया। एक तो (कालमाया) के जाल से जीवों को मुक्ति करने का तथा दुसरे तरफ श्रध्दालु जनों को सही मार्ग दर्शन करने के लिए।
रामानुजनाचार्य स्वामी अत्यंत श्रध्दावान धर्माचार्य थे। सद्गुरु कबीर साहब इनके सन्मुख प्रगट हुए। और इन्हें जगाने की चेष्टा की प्राथम तो इन्होंने अपनी विद्वानता को प्रदर्शित किया।
परंतु सत्यपुरुष (परमात्मा) के सामने कैसे ठहर सकती। आखिर रामानुजनाचार्य ने सद्गुरु कबीर साहब को पहिचान लिया। और क्षामा मांगी, और सत्यलोक दर्शन तथा आत्मा कल्याण की याचना की।
सद्गुरु ने प्रसन्न होकर सारा भेद बता दिया आचार्य धन्य धन्य हो गये।
भारतीय वष्णवाचार्यो में रामानुजनाचार्य बङे प्रभावशाली विद्वान तथा प्रतिभा सम्पन्न आचार्य थे। इन्होंने सनातन धर्म का प्रचार देश विदेश में बहुत घुम - घुम कर किया।
सद्गुरु कबीर साहब का लक्ष्य दो तरह से प्रगट हो गया। एक तो (कालमाया) के जाल से जीवों को मुक्ति करने का तथा दुसरे तरफ श्रध्दालु जनों को सही मार्ग दर्शन करने के लिए।
रामानुजनाचार्य स्वामी अत्यंत श्रध्दावान धर्माचार्य थे। सद्गुरु कबीर साहब इनके सन्मुख प्रगट हुए। और इन्हें जगाने की चेष्टा की प्राथम तो इन्होंने अपनी विद्वानता को प्रदर्शित किया।
परंतु सत्यपुरुष (परमात्मा) के सामने कैसे ठहर सकती। आखिर रामानुजनाचार्य ने सद्गुरु कबीर साहब को पहिचान लिया। और क्षामा मांगी, और सत्यलोक दर्शन तथा आत्मा कल्याण की याचना की।
सद्गुरु ने प्रसन्न होकर सारा भेद बता दिया आचार्य धन्य धन्य हो गये।
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